स्टार्ट अप योजनाः प्रधानमंत्री की महत्वकांक्षा या युवाओं का आत्मविश्वास
सामान्यतः देखा जाता है कि जिन्दगी में आपके सोचे हुए कार्य कभी पूर्णतः संपादित नहीं हो पाते हैं। मतलब यही आप अपना कोई लक्ष्य निर्धारित करते हैं तो वह सफलता के आसपास ही रह जाता है। कारण जो भी हो लेकिन दोष किसी को नहीं दिया जा सकता, एेसे में जरूरी यह नहीं की हम अपना लक्ष्य निर्धारित करना छोड़ दे। कई बार करीब तक पहुंचना भी सफलता की श्रेणी हैं। सोचने वाली बात यह है कि हमने कितनी ताकत अर्थात कितने आत्मविश्वास के साथ कार्य करना प्रारंभ किया था और उसमें कमी कहां रह गई। जरूरी उसी आत्मविश्वास को बनाए रखने की है ताकि जहां तक सफलता मिली है उससे आगे का कदम बढ़ाया जा सके।
हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्ट अप योजना की शुरूआत की है। यहां निश्चित रूप से उनकी महत्वाकांक्षाओं के साथ युवाओं के आत्मविश्वास को भी सम्मान दिलाने की कोशिश रही होगी। राष्ट्रीय से लेकर वैश्विक परिदृश्य तक को ध्यान में रखें तो कहा जा सकता है कि स्टार्ट अप की शुरुआत के लिए यह संभवत: सबसे सही समय है। देशी-विदेशी निवेश को अपेक्षित गति नहीं मिल पाने के सकारात्मक संकेतों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था ठहरी-सी नजर आ रही है। न रोजगार सृजन हो रहा है और न ही विकास गति पकड़ रहा है। ऐसे में कुछ नया करने को उत्साहित युवाओं को स्टार्ट अप के लिए प्रेरित कर सकने वाली यह योजना चुनौतियों से निपटने में मददगार साबित हो सकती है।- प्रतुल पराशर